prashansa ka vilom shabd । प्रशंसा का विलोम शब्द [2023]
prashansa ka vilom shabd । प्रशंसा का विलोम शब्द आपको हैरान कर देगा इसका अर्थ! जानिए इसके विलोम और रहस्यमयी पहलू! #आपको_यह_नहीं_पता_होगा”
भाषा की अमूल्यता और व्यक्तित्व के माध्यम से हम अपने विचारों और अभिव्यक्तियों को सभी के सामने पेश करते हैं। प्रशंसा का विलोम शब्द निंदा होता है। प्रशंसा करना, किसी की महानता और उत्कृष्टता को स्वीकार करना, हमारे भावों का सामाजिक संज्ञाना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, एक ऐसा शब्द भी है जो प्रशंसा के अलावा एक जीवंत व्यंग्य भी है – वह है “प्रशंसा का विलोम शब्द”। इस लेख में हम इसी शब्द के बारे में बात करेंगे, साथ ही इसके विलोम शब्दों की भी चर्चा करेंगे और एक कहानी के माध्यम से इसे समझेंगे।
प्रशंसा का विलोम शब्द-prashansa ka vilom shabd
निन्दा: प्रशंसा का विलोम शब्द जो अपने विषय की बजाय उसकी खामियों की चर्चा करता है।
अपमान: एक विलोम शब्द जो प्रशंसा के स्थान पर व्यक्ति या वस्तु की अनादर करता है।
निरादर: यह विलोम शब्द जो उस व्यक्ति या वस्तु की प्रशंसा के स्थान पर उसके अधीनस्थता को दर्शाता है।
प्रशंसा का वाक्य में प्रयोग
उसकी प्रशंसा करने पर सभी ने उसे बधाई दी।
आजकल के वक्त में लोग बड़ी खामी करते हैं, और फिर भी उन्हें प्रशंसा मिलती है।
वह अपने बच्चों की प्रशंसा करके उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।
उसके विद्यालय के प्रिंसिपल ने उसकी प्रशंसा की क्योंकि उसने अच्छे अंक प्राप्त किए।
उस संगीत गायक की प्रशंसा के लिए लोग उसकी तारीफ करते हैं।
उस नाटक के नायक की प्रशंसा का ध्वनि टिकट बिक गए।
उस खिलाड़ी की प्रशंसा ने उसके मन को खुशी से भर दिया।
वह लेखक बड़े बड़े पुरस्कार जीतकर प्रशंसा के योग्य है।
उस विद्यार्थी की प्रशंसा करने से उसके माता-पिता गर्व महसूस करते हैं।
उस व्यक्ति की प्रशंसा करके, उसके सामाजिक सम्मान का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
“प्रशंसा” के विलोम शब्द का उपयोग करके 10 वाक्य
वे उसकी प्रशंसा नहीं करते, बल्कि उसे निंदित करते हैं।
उसकी सभी प्रशंसा को नकारते हुए, उसके कमियों का संबोधन कर दिया गया।
उसके उत्कृष्ट काम की प्रशंसा की बजाय, उसे तिरस्कार का सामना करना पड़ा।
वे उसकी प्रशंसा नहीं कर सके और उसे नाकारात्मकता से नहीं बचा सके।
उसके सफलता को प्रशंसा करने के बजाय, उसे घृणा और ईर्ष्या का सामना करना पड़ा।
उसकी प्रशंसा करने के स्थान पर, उसके अन्यायपूर्ण निर्णयों को परिभाषित किया गया।
उसके कार्यों की प्रशंसा की जगह, उसे बदनाम करने की कोशिश की गई।
उसकी प्रशंसा करने से इनकार करके, उसे असम्मानित किया गया।
उसकी प्रशंसा करने के बजाय, उसे निरादर और अपमानित किया गया।
उसकी प्रशंसा की बजाय, उसे नजरअंदाज कर दिया गया।
प्रशंसा का विलोम शब्द:कहानी
एक छोटे से गांव में रहने वाले एक बच्चे का नाम था राजू। राजू बहुत ही चतुर और बुद्धिमान बच्चा था। वह हमेशा सभी के दिलों में अपनी खुशियों के तोफे बांटता रहता था। उसके आस-पास के लोग भी उसके आनंददायक संबोधन और सकारात्मक विचारों से प्रभावित थे।
एक दिन, गांव में एक नया शिक्षक आया। वह शिक्षक बहुत ही कठोर और सख्त व्यक्ति थे। वह सिर्फ अपने विद्यार्थियों की तारीफ सुनना चाहते थे, अन्यथा उन्हें निंदा की शिकायत बहुत करते थे।
राजू को शिक्षक के इस रूप से अचानक बदलने से काफी विचित्रता महसूस हुई। वह नहीं चाहता था कि उसकी प्रशंसा हो, लेकिन यह भी सच था कि उसे अपने नए शिक्षक के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने की जरूरत है।
एक दिन, राजू ने अपने दोस्त से सलाह ली कि वह कैसे शिक्षक की प्रशंसा कर सकता है। उसका दोस्त बड़ा ही समझदार और सार्थक उत्तर देते हैं
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